शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

Will there be any complications if I read with high fever and cold like Will it affect my eye sight?

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            मानव शरीर का अंदरूनी तापमान हर मौसम में 37 डिग्री सेंटीग्रेट (98.4 डिग्री फारेनहाइट ) के आस-पास रहता है, चाहे वातावरण का तापमान कुछ भी रहे। मानव मस्तिष्क के हाइपोथैलमस में स्थित नियत बिंदु शरीर के तापमान को 37 डिग्री सेंटीग्रेट पर नियत रखता है। 
             शरीर की कोशिकाएँ एवं ऊत्तक इसी तापमान के आस-पास सुचारु रूप से कार्य करतीं हैं। जब शरीर में विषैले खाद्य पदार्थों दे उत्त्पन्न विष या जीवाणु (बैक्टीरया ) अथवा विषाणु (वायरस ) से उत्त्पन विष, जिसको पायरोजेन कहते है, के कारण हाईपोथैलमस में स्थित नियत बिंदु अन्य तापमान के लिए नियत हो जाता है, तो शरीर का तापमान बढ़ जाता है या घट जाता है। शरीर के तापमान बढ़ने को बुखार तथा शरीर का तापमान घटने को शीत कहते है। 
                 आँखे शरीर की सबसे कोमल एवं संवेदनशील अंग है। आँखों के चारों ओर तथा पलकों के भीतर एक पतली सफेद श्लेष्मा झिल्ली होती है, जिसे नेत्रश्लेष्मकला या कंजक्टाइवा कहते है। बुखार एवं शीत का प्रभाव आँखों पर तुरन्त पड़ता है, जिसके कारण कंजक्टाइवा अर्थात नेत्रश्लेष्मकला में सूजन आ जाती है, जिसे नेत्रश्लेष्मकला शोथ या कंजक्टिवाइटिस कहते है।  नेत्रश्लेष्मकला शोथ के कारण आँखे लाल हो जाती है और दृष्टि धूमिल हो जाती है। 
                    नेत्रश्लेष्मकला शोथ के कारण जब दृष्टि धूमिल हो जाय, यदि तब पढ़ा जाय, तो आँखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। आँखों पर पड़ने वाला अतिरिक्त दबाव, आँखों में दृष्टिदोष उत्त्पन कर सकता है। अतः तेज बुखार में पढ़ने से परहेज करना चाहिए।

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